उलीहातु झारखंड से प्रारंभ हुई आदिवासी सुरक्षा यात्रा अलीराजपुर जिले में पहुँची जिसका आदिवासी समाज ने किया स्वागत

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उलीहातु झारखंड से प्रारंभ हुई आदिवासी सुरक्षा यात्रा अलीराजपुर जिले में पहुँची जिसका आदिवासी समाज ने किया स्वागत

यात्रा आदिवासी बाहुल्य छः राज्य से होकर झारखंड, छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र, राज्यस्थान एवं गुजरात होते हुए 54 दिवसीय 4 हजार किलोमीटर की निकाली जा रही है।

अलीराजपुर:- देश भर के आदिवासियों के लिए वैचारिक एकीकरण,सांस्कृतिक शुद्धिकरण एवं सामाजिक तथा राजनीतिक एकता के लिए जागरूकता अभियान को लेकर आदिवासी सुरक्षा यात्रा 9 अगस्त 2023 विश्व आदिवासी दिवस के दिन से आदिवासी क्रांतिकारी गणनायक धरती आबा वीर बिरसा मुंडा की जन्म स्थली उलीहातु झारखंड राज्य से प्रारम्भ होकर आदिवासी बाहुल्य छः राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र, राज्यस्थान के विभीन्न आदिवासी क्षेत्रों से यात्रा निकाली जा रही है। कुल 54 दिवसीय 4 हजार किलोमीटर की यह यात्रा अधिकांश क्षेत्रों में पैदल एवं जहां आवश्यक है वहां वाहनों से निकाली जा रही है। यह यात्रा शुक्रवार शाम को अलीराजपुर नगर में पहुँची जिसका आदिवासी समाज ने टॉकीज चौराहे पर जोरदार स्वागत किया गया।रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को यात्रा को नानपुर,खट्टाली,जोबट, आम्बुआ होते हुए भाबरा पहुचेगी वहीं रात्रि विश्राम किया रहेगा 

        यात्रा का समापन गुजरात राज्य के सांबरकांठा जिले के विजयनगर तहसील में जहां 7 मार्च 1922 को लगभग 1507 भील आदिवासियों की हत्या राजपूत रजवाड़ी सेना एवं अंग्रेजों की सेनाओं के हाथों हुई थी,उस छोटे से गांव दढ़वाव (पाल चितरीया) में 2 अक्टूम्बर 2023 को किया जावेगा।  

    यात्रा का नेतृत्व करने वाले राजू भाई गावित ने बताया कि यह यात्रा बिरसा मुंडा के गांव से मिट्टी लेकर जहां आदिवासी आस्था का केंद्र एवं ऐतिहासिक स्थलों से गुजरेगी वहां की मिट्टी को मिलाते हुए आगे बढ़ रही हैं, साथ ही आदिवासी सभ्यता संस्कृति की जन्मदाता नर्मदा नदी उद्दगम स्थल से पानी लेकर चल रही हैं।यात्री केतन भाई बामनिया ने आदिवासी सुरक्षा यात्रा के उद्देश्यों को बताते हुये कहा कि इस देश में आये दिन आदिवासियों के ऊपर अत्याचार के साथ ही भारी शोषण हो रहा है , इस देश में आदिवासी सुरक्षित नहीं है।भारत देश के 781 आदिवासी समुदायों को सुरक्षा के लिए यात्रा निकाली जा रही हैं।आदिवासी आज खुद असुरक्षित महसूस कर रहा है, इसके लिए स्वयं हम भी जिम्मेदर हैं। 75 वर्षों पहले हम पूरी तरह आत्म निर्भर थे।आज देखा जा सकता है कि हम ज्यादातर दूसरों के ऊपर निर्भर रहना सिख गये हैं।हमें फिर से स्वयं को आत्म निर्भर बनाना पड़ेगा।अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूर्ण करना होगा, अपनी आवश्यकता का अन्न एवं अन्य खाद्य पदार्थों का उत्पादन अपने खेतों में करना होगा।इसके लिए आदिवासी क्षेत्र में पानी आरक्षित होना चाहिए,यानी पानी प्राथमिकता से आदिवासियों को मिले यह कानूनी बाध्यता होनी चाहिए।यदि हम दो समय के भोजन में आत्मनिर्भर हो गए तो किसी की गुलामी करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

 बामनिया आगे बाते हैं कि सरकारों द्वारा आदिवासियों को खत्म करने के लिए एक षड्यंत्र के तहत जो किसी भी तरह से आदिवासी नहीं हैं उन्हें आदिवासी बनाया जा रहा है।इस वजह से हमारे प्रतिनिधित्व के रूप में मिले आरक्षण जैसे संवैधानिक अधिकारों में बंटवारा हो रहा है।उसे रोकने के लिए प्रत्येक आदिवासी को एक साथ मिलकर लड़ना होगा। खासकर मणिपुर जैसे हालात न हो इसलिए सरकारों द्वारा अन्य वर्ग के लोगों को अनुसूचित जन जाति बनाया जा रहा है जो कि किसी भी तरह से आदिवासी है हि नही उसे रोका जाए।अनुसूचित क्षेत्र (आदिवासी विस्तार) के लिए विशेष संवैधानिक अनुसूची-5 का जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू हो इसके लिए एक साथ आवाज उठानी पड़ेगी।तभी हम अपना जल, जंगल, जमीन बचा पायेंगे।विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है, हमारे लोगों का विस्थापन किया जा रहा है,उसे रोकना होगा और जंगल की पैदावर पर आदिवासियों का पूर्ण अधिकार हो।रोजगार के लिए पलायन रोकने में सरकारें विफल हैं स्थानीय रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए। डिलिस्टिंग एवं यूसीसी के मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूप रेखा बनानी चाहिए।आदिवासी धर्म कॉलम पर आम सहमति होनी चाहिए।

         अब समय आ गया है कि देश के सारे आदिवासियों को अपनी राजनीतिक सोच को बदलना चाहिए, उसके लिए सभी समुदायों को साथ बैठकर विचार- विमर्श करना चाहिए।हर एक समुदाय को अपनी टेरिटरी में साथ रहकर या स्वत्रंत रूप से अपनी राजनीतिक ताकत को खड़ा करने की अवश्यकता हैं।तभी आदिवासियों का उत्थान सम्भव होगा।इस अवसर पर आदिवासी समाज जिला कोर कमेटी के रतन सिंह रावत, भंगुसिंह तोमर,केरम जमरा, मुकेश रावत, अरविंद कनेश, निरंजन पटेल, केरम सिंह चौहान, रमेश डावर,विक्रम सिंह बामनिया विजय कनेश,नरसिया डावर, राकेश जमरा,अमित, राहुल, सुरपाल, राकेश डावर,अनिल तोमर आदि उपस्थित थे।

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