ग्राम उंडारी में लाड़ा-लाड़ी पहाड़ियों के बीच बसे हैं सिद्घेश्वर महोदव
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ग्राम उंडारी में लाड़ा-लाड़ी पहाड़ियों के बीच बसे हैं सिद्घेश्वर महोदव
जोबट। आलीराजपुर जिले में एक मार्च से छाएगा भगोरिया का उल्लास
सतपुड़ा और विंध्याचल की पहाड़ियों को स्पर्श करता जोबट से करीब पांच किमी दूर ग्राम उंडारी का अतिप्राचीन सिद्घेश्वर महादेव मंदिर शिवभक्तों में श्रद्घा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां विराजित स्वयंभू भोलेनाथ के प्रतीक स्वरूप में स्थिापित है। मान्यता है कि यदि मन्नत पूरी होने वाली है, तो शिवलिंग सहजता से उठ जाता है।
इस मंदिर की स्थापना के बारे में किसी को पता नहीं है, किंतु श्री सिद्घेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में जीर्णाद्घार के बारे में शिलालेख के अनुसार जोबट के तत्कालीन महाराजा भीमसिंह (सवंत् 1997 वर्ष 1941) को एक बार स्वप्न आया कि उंडारी के नाले में भगवान आशुतोष है। उन्हें बाहर निकालकर स्थापित किया जाए। इस पर उन्होंने प्रतिमा को निकालकर नाले के समीप खंडहर जगह पर मंदिर बनवाया। मान्यता है कि श्री सिद्घेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्घ मंदिर में शिवलिंग पर जनऊ अंकित है तथा शिवलिंग को जलाधारी में स्थापित किया हुआ है। अंडाकार आकृति के इस शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि यदि मन में कोई मनोकामना लेकर कोहनी को बगैर मोड़े उठाया जाता है, तो यदि मन्नत पूरी होने के आसार होने पर ये आसानी से उठ जाता है वरना हाथ से फिसल जाता है। इसी को लेकर आज महाशिवरात्रि पर समाज जनों द्वारा महा प्रसादी वितरण की जाती है वही भक्त रात्रि 12:00 से दर्शन का पूर्ण लाभ लेते हैं वही सिद्धेश्वर महादेव उंडारी में विशेष सहयोग रजनीकांत वाणी रमेश अग्रवाल बसंत भाई सोनी राजेंद्र टवली वह बड़ौदा से पधारे भोलेनाथ के परम भक्त अक्षय कुमार शर्मा द्वारा अभिषेक किया जाता है वहीं गायत्री शक्तिपीठ द्वारा पंच कुंडी गायत्री यज्ञ किया जाता है जिस का संचालन आशीष सोनी द्वारा किया जाता है