तीन जिले के आयुष चिकित्सकों ने केबिनेट मंत्री श्री नागरसिह चौहान को सौपा ज्ञापन,अनावश्यक परेशान किए जाने से नाराज चिकित्सक
अलीराजपुर – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री डा मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में अपंजीयकृत झोला छाप डाक्टरों की जांच की जा रही है। इसी के चलते अलीराजपुर झाबुआ तथा रतलाम में भी प्रशासनिक कार्यवाही की गई तीनों जिलों के अनेक जगहों पर छापामार कार्यवाही कर क्लिनिक को सील भी किए गए। जिसमे बिना डिग्री धारी झोलाछाप डॉक्टरों के साथ साथ डिग्री धारी आयुष डाक्टरों और भी गाज गिरी इसी के विरोध में गुरुवार 1 अगस्त को केबिनेट मंत्री श्री नागरसिंह चौहान को रतलाम झाबुआ अलीराजपुर संसदीय क्षेत्र के आयुष डॉक्टरों ने एक ज्ञापन सोपा। तीनों जिले के आयुष डॉक्टरों ने कहां की हम माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी के निर्देश का सम्मान करते है लेकिन इस निर्देश के आधार और उन पर कार्यवाही हो जो सही मानो में झोलाछाप हैं । झोलाछाप के नाम से डिग्री तथा डिप्लोमा हासिल करने वाले आयुष डॉक्टरों को परेशान किया जाना बहुत गलत है और हम इसका विरोध करते है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा पंजीयन की तथा डिग्री डिप्लोमा की जांच की जाए उसके बाद हो कोई कार्यवाही को जाए। अगर जांच में कोई डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्यवाही से हमे कोई विरोध नहीं है। उन्होंने यह भी विरोध जताया को अक्सर सोशल मीडिया पर उनका मजाक बनाया जाता है पंजीयन होने के बावजूद भी उन्हें झोलाछाप बोलकर अपमानित किया जाता हे जो सरासर निंदनीय है ऐसे में सही को भी गलत की गिनती में लिया जाता है ।
क्या है ज्ञापन में
श्रीमान जी से निवेदन है हम सभी आयुष चिकित्सक (4-1/2 वर्ष पढाई एवं 1 वर्ष इंटर्नशीप) मय डिग्री चिकित्सक कर रहे है, एवं प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करते है। एवं समस्त आयूष चिकित्सकों ने कोरोना जैसे आपातकाल एवं कलेक्टर महोदय की तरफ के समय जिला चिकित्सालय में अपने सेवाए दी से प्रशंसा पत्र दिया गया है एवं हम सदैव शासन द्वारा शासकीय योजनाओं में हमारी उपयोगिता होने पर सदैव अपनी सेवाऐं देने हेतु तत्पर रहेंगे। फिर भी बिना डिग्री धारी चिकित्सकों एवं अमानक पद्धति से उपचार करने वाले बंगाली चिकित्सकों कार्यवाही नहीं की जाती है। आयुष चिकित्सको पर कार्यवाही की जाती है। हम आयुष चिकित्सकों को भी बंगाली एवं झोलाछाप की श्रेणी में गिना जाता है एवं आये दिन कथित रूप से रजिस्टर्ड एवं आयुष चिकित्सकों को सोशल मीडिया पर बंगाली एवं झोलाछाप बोला जाता है जो कि न्यायोचित नहीं है। भारत सरकार के अनुसार ओ.टी.सी. दवाईयाँ कोई भी मेडिकल वाला आशा कार्यकर्ता एवं नर्स बिना Prescription के दे सकती है, वह दवाईयाँ भी आयुष चिकित्सकों के पास होने पर कार्यवाही होती है और उसे अपराध की श्रेणी में खडा कर दिया जाता है।
श्रीमान जी से निवेदन है कि हम रजिस्टर्ड एवं आयुष चिकित्सकों पर कार्यवाही न की जावे ।