माता-पिता और गुरु की आज्ञा टालोगे तो कभी सुख नहीं पाओगे कथा वाचक पं.श्री अरुण जी शर्मा
माता-पिता और गुरु की आज्ञा टालोगे तो कभी सुख नहीं पाओगे कथा वाचक पं.श्री अरुण जी शर्मा
अलीराजपुर-आप का चरित्र ही आपकी संपत्ति है, श्रेष्ठ चरित्र वालों के दिये जलते हैं जैसे राजा राम के लिए और बुरे चरित्र वालों के पुतले जलते हैं । हमें राम नाम का धन चाहिए है माता बहनों ध्यान रखो फ्रेंडशिप करना हो तो ईश्वर से करो आपका सतीत्व होगा तो आप में शक्ति होगी हिंदुस्तान की संस्कृति माता बहनों ने अपने सतीत्व से बढ़ाई है। सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर तक दिया। आजकल आधार कार्ड से शासकीय कार्यालयों में काम होता है जिसमें अपने अंगूठे का महत्व है, हमारे भगवान ने जो अंगूठा बनाया है प्रत्येक मनुष्य के अंगूठे में शंख चक्र की आकृति विद्यमान है। आनंद हिंदू मुसलमान ,शिख और ईसाई हो सभी को चाहिए। हमारे राम सबके भगवान हैं सब पर कृपा दिखाते थे। हमारे राम की मूर्ति तो बहुत ही विराट है, परंतु अनुकूलता अनुसार आकृति दे दी।भगवान के सामने माया नहीं चलती ।
पति के बिना आज्ञा के पत्नी को कोई काम नहीं करना चाहिए। पति पत्नी के बीच शंका नहीं होना चाहिए विश्वास की गांठ मजबूत होना चाहिए। मां सती को विश्वास नहीं था इसलिए परीक्षा लेने भगवान की पहुंची। पत्नी को सब सुख आपस में विवाद इसलिए करते हैं अपने अधिकार को प्राप्त करने के प्रयत्न करते रहते हैं नारी का सम्मान करें। शून्य का महत्व हैं जो किसी अंक के साथ जुड़ने पर हमे पता चलता है। मां सती को विश्वास नहीं था
आत्मा की तृप्ति के लिए भोजन नहीं भजन जरूरी है। हमारा मन लगे तो हर काम सिद्ध होता है। जब जब धर्म की हानि होती है भगवान अवतार लेते हैं। रावण का आतंक अधिक होने पर देवताओं ने ब्रह्मा जी से स्तुति की भगवान राम जी का अवतार हुआ भगवान कहां नहीं है सर्वत्र हैं,अनादि काल से है राम काल्पनिक नहीं है
उक्त विचार श्री राम कथा उत्सव समिति द्वारा आयोजित श्री राम महिमा व्याख्यान कथा में पं.श्री अरुण जी शर्मा (बड़वाह) ने व्यक्त किए।
मीडिया संयोजक उमेश वर्मा कछवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि कथा के चौथे दिन राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले कार सेवकों का सम्मान किया गया। कथा के यजमान राजेश राठौड़ राठौड़ बस सर्विस,डॉक्टर अंबर परिहार और निखिलेश परिहार थे। आरती देव वंशीय लोहार समाज,सागर वंशीय माली समाज और आदिवासी समाज की थी।
इन कार सेवकों का हुआ सम्मान
रमेश सोमानी
राकेश सराफ
ब्रजेश शर्मा
मुकेश वाणी
महेश बिशया
प्रवीण गिरी गोस्वामी
ओर गोविंद सांखला इन राम भक्त कार सेवकों का अयोध्या श्रीराम मंदिर का प्रतीक चिन्ह भेंटकर केसरिया दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया। कथा के चौथे दिन शनिवार को पांडाल में श्रीराम जन्म प्रसंग हुआ।