वीरसिंह भूरिया जयस से माफ़ी मांगे, वरना जयस प्रदेश स्तर पर कांग्रेस पार्टी का विरोध करेंगा।
लोकसभा प्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया जी की आम सभा मे थांदला विधयाक वीरसिंह भूरिया द्वारा जयस सदस्यों के हाथ -पैर तोड़ने एवं ऐसी कि तैसी बयानबाजी से जयस संगठन मे आक्रोश का माहौल निर्मित है आदिवासी समाज के सर्टिफिकेट से विधायक बनने के बाद समाज हितों की बात रखने वाले राष्ट्रीय स्तरीय संगठन के लोगों के खिलाफ इस प्रकार टिका टिप्पणी सोभा नहीं देती । जबकि जयस संगठन आदिवासी समाज के संवेधानिक अधिकारों,अपनी संस्कृति परम्परा, जल जंगल जमीन को बचाने के संघर्ष कर रहा है। शायद वीरसिंह भूरिया भूल रहे आदिवासी समाज सदियों से पीड़ित समाज रहा है इतने सालों से आप राजनीती कर रहे हो तो फिर क्यों आदिवासी समाज को एकजुट कर पाए। आदिवासी समाज का उपयोग होता आया है ,आज भी आदिवासी समाज रोजी -रोटी, बच्चों के लालन पालन के लिए पलायन के लिए मजबूर है।
21 वीं सदी मे जयस नाम का एक संगठन बना जिसने पूंजीपतियों से राजनीतिक गलियारों कि जड़े हिला डाली।
जयस संगठन किसी भी जाती,धर्म, समुदाय के खिलाफ नहीं है बल्कि सर्व समाज के खिलाफ अत्याचार, शोषण, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए आवाज बुलंद करता है।
अगर वीरसिंह भूरिया जयस संगठन से माफ़ी नहीं मांगते है तो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश मे कांग्रेस पार्टी का विरोध होगा और वीरसिंह भूरिया का पुतला दहन किया जाएगा।