तेंदुए के शावक को बनाया बंधक 6 दिन से रखा बांधकर वन विभाग ने किया जप्त
तेंदुए के शावक को बनाया बंधक 6 दिन से रखा बांधकर वन विभाग ने किया जप्त
अलीराजपुर के ग्राम उंडवा से चोकाने वाला मामला सामने आया है। जहॉ जहां एक तेंदुए के बच्चे जिसकी उम्र दो से ढाई माह की बताई गई है जिसको कुछ लोगों द्वारा बांध कर बंधक बनाकर अवेध तरीके से घरों में रखा है। शोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। दिनांक 14 अगस्त से तेंदुए के बच्चे को रस्सी से बांध कर रखा गया था। जिसकी सूचना किसी ने वन विभाग की दी गई। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने उंडवा पहुच कर तलाश किया पर उनको कुछ नही मिला। अगली बार फिर वन विभाग को सूचना मिलती जिसकी छानबीन कर तेंदुए के बच्चे को वहाँ से 20 अगस्त को जप्त किया गया । जप्त करने के बाद वन विभाग ने तेंदुए के बच्चे स्वास्थय परक्षिण करवाया जिसमे पाया गया कि उक्त शावक स्वस्थ है उसके शरीर मे किसी भी प्रकार की चोट नही है हा भूखे होने के कारण थोड़ी कमजोरी है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे को भूखा प्यासा बंधक बना कर रखा गया। कही ना कही मारपीट की भी आशंका जताई जा सकती हैं। वन विभाग द्वारा फिलहाल शावक को अलीराजपुर में रखा गया है । अब देखना यह है की जिसने तेंदुए के बच्चे को बंधक बनाया उस पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाएगी साथ ही यह जानना जरूरी है और इस मे कितने लोग शामिल हैं।
जंगली जानवर के शावक को नुकसान पहुचाना होता है खतरनाक
विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी जंगली जानवर के बच्चो को पकड़ना या नुकसान पहुचाना ख़तरनाक साबित हो सकता है। जब मादा से उसका शावक बिछड़ जाता है तो वो और भी ज्यादा आक्रमक हो जाती है जिससे जंगल मे रहने वाले मानव जाति को खतरा और भी बढ़ जाता है कही ना कही वह नुकसान पहुचाने की कोशिश करेगी ही। ग्रामीणों की इस हरकत से खतरा बढ़ गया है । वन विभाग के मुताबिक शावक को पिंजरे में रखकर जप्त शावक को उसकी माँ तक पहुचाने का प्रयास करेंगे अगर मादा उक्त शावक को स्वीकार करती है तो उसको मादा (उसकी माँ) के छोड़ दिया जाएगा अन्यथा उसको वन विहार भेज दिया जाएगा। जब वन्य प्राणी का बच्चा मनुष्य के सम्पर्क में आ जाता है तो उसकी गन्ध से उसको उसकी माँ स्वीकार नही करती हैं।